Monday, July 27, 2015


Hello Friendsss i'm back......

ओ जीवन के थके पखेरू

ओ जीवन के थके पखेरू,
बड़े चलो हिम्मत मत हारो,
पंखो में भबिष्य बंधी है,
मत अतीत की ओर निहारो,
क्या चिंता धरती यदि छूटी,
उड़ने को आकाश बहुत है,
जाने क्यों तुमसे मिलने की,
आशा कम विश्वास बहुत है!!!!!