क्या करना नहीं जानता हूँ ???
पर करता हूँ क्यों की करने से अगर कुछ नया हुआ तो मैं दुनिया को दिखाना चाहता हूँ कि मैं क्या कर गुजरने कि ख्वाहिश(
इच्छा) रखता हूँ....
ओ जीवन के थके पखेरू,
बड़े चलो हिम्मत मत हारो,
पंखो में भबिष्य बंधी है,
मत अतीत की ओर निहारो,
क्या चिंता धरती यदि छूटी,
उड़ने को आकाश बहुत है,
जाने क्यों तुमसे मिलने की,
आशा कम विश्वास बहुत है!!!!!