क्या करना नहीं जानता हूँ ??? पर करता हूँ क्यों की करने से अगर कुछ नया हुआ तो मैं दुनिया को दिखाना चाहता हूँ कि मैं क्या कर गुजरने कि ख्वाहिश( इच्छा) रखता हूँ....
Saturday, March 5, 2011
कोई रात पूनम तो कोई है अमावस,
चांदनी उसकी, जो चाँद पाना सीख ले,............
यूँ तो सभी आये हैं रोते हुए इस जहाँ में,
पर सारा जहाँ है उसका जो मुस्कराना सीख ले..........
कुछ भी नजर न आये अंधेरों में रहकर,
रोशनी है उसकी जो शमा जलना सीख ले.............
हर गली में मदिर, हर रह में मस्जिद है,
पर इश्वर है उसका जो सिर झुकाना सीख ले............
हर सीने में दिल, हर दिल में प्यार है,
प्यार मिलते है उसको जो दिल लगाना सीख ले................
लोगों का काफिला उसी के साथ होता है,
जो सच्चे दिल से रिश्ते निभाना सीख ले................
ख़ुशी कि तलाश में जिंदगी गुजर जाती है,
पर खुशियाँ उन्ही को मिलती है जो दूसरे के गम मिटाना सीख ले............
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